ज़ेरोधा में डिलीवरी शेयर बेचने पर ब्रोकर मार्जिन को काट कर ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे क्रेडिट करता है। इसी घाटी हुए राशि को डिलीवरी मार्जिन बोला जाता है। क्या आप what is delivery margin in Zerodha in hindi तो विस्तार में जानना चाहते है तो आइये यहाँ पर इस मार्जिन कांसेप्ट अच्छे से समझे और जाने कि किस तरह से आप इसका उपयोग कर सकते है।
डिलीवरी मार्जिन को आसान भाषा में समझे तो जब आप अपने डीमैट अकॉउंट से कोई शेयर बेचते हो तो उस बेचे गए शेयर के मूल्य का 80% तो आप के ट्रेडिंग अकाउंट में चला जाता है और बाकी की राशि आप के डिलीवरी मार्जिन के रूप में जमा हो जाती है। उसे आप अपने अगले ट्रेड के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
सेबी के पीक मार्जिन नियम के कारण बस उसका कुछ हिस्सा या कह सकते कुछ प्रतिशत सशर्त ब्लॉक हो गया है।
ज़ेरोधा डिलीवरी मार्जिन
ज़ेरोधा में डिलीवरी मार्जिन क्या है इसे एक बहुत आसान से उदाहरण से समझते हैं।
चलिए मान लेते हैं कि आप के पास पंजाब गैस का एक शेयर है जिसे आप 660.70 रूपये में बेचना चाह रहे।
अब इस स्थिति में आप के ट्रेडिंग अकाउंट में T+1 डे में इसका 80% यानी 528.56 रुपए क्रेडिट हो जाएंगे और बाकी के 20% (132.14 रुपये) आपके अकाउंट में मार्जिन के रूप में उपलब्ध हो जाएंगे, जिसे आप अपनी अगली ट्रेड के लिए इस्तेमाल कर सकते है।
अब अगर आप फ्यूचर और ऑप्शन में ट्रेड कर रहे हैं और फिजिकल डिलीवरी की स्थिति खुली है तो ऐसे केस में अतिरिक्त मार्जिन ब्लॉक हो जायेगा। और इस अतिरिक्त मार्जिन को भी हम डिलीवरी मार्जिन की तरह ही टैग करते हैं।
यहाँ पर कुछ ऐसी स्थितियां हैं जिनके बारें में आप निश्चित ही जागरूक होना जरुरी है जैसे कि :-
- एक्सपायरी के दिन, ब्लॉक् मार्जिन कॉन्ट्रैक्ट मूल्य या स्पेन और एक्सपोजर मार्जिन का 40% होगा (जो भी इनमे से अधिक हो)।
- लॉन्ग OTM ऑप्शंस में कॉन्ट्रैक्ट मूल्य का 50 प्रतिशत ब्लॉक हो जायेगा।
- लॉन्ग आईटीएम ऑप्शंस में कोई अतिरिक्त मार्जिन ब्लॉक नहीं होगा।
उम्मीद है कि आप अब सभी ट्रडिंग सेगेमेंट में के बारे में जान गए होंगे, लेकिन फिर भी अगर आप के मन में इसके लिए कोई और सवाल है तो सवाल पूछने के लिए अपना विवरण नीचे दिए गए फॉर्म में भरें।